अमेठी: मशरूम उत्पादन तकनीक पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण प्रारंभ -डॉ अशोक कुमार सिंह
1 min readडा० मलखान सिंह
अमेंठी-आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विकास संस्थान कुमारगंज फैजाबाद अयोध्या के कुलपति विजेंद्र सिंह के कुशल नेतृत्व एवं दिशा निर्देशन के क्रम में तथा निदेशक प्रसार प्रोफ़ेसर ए पी सिंह राव के सुझाव के क्रम में संचालक कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा अमेठी में मशरूम की खेती पर पांच दिवसीय रोजगार परक प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 14 सितंबर से प्रारंभ हुआ इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आर के आनंद ने आए हुए परीक्षार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि बटन मशरूम की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है जिससे किसान अच्छा पैसा कमा सकते हैं ।प्रशिक्षण समन्वयक डॉ अशोक सिंह ने बताया कि बटन मशरूम की खेती के लिए अनुकूल तापमान 15 से 22 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए और सापेक्षिक आद्रता 80 से 90/डिग्री होनी चाहिए। सफेद बटन मशरूम की खेती के लिए स्थाई या अस्थाई दोनों प्रकार के सीट का प्रयोग किया जाता है।जिन किसान भाइयों के पास धन की कमी है वह बांस एवं धान के पुआल से बने स्थाई या अस्थाई सेट एवं झोपड़ी का प्रयोग कर सकते हैं मशरूम एक कवक है जो स्वादिष्ट एवं पौष्टिक सब्जी के रूप में प्रयुक्त होता है इसमें कार्बोहाइड्रेट एवं चर्बी की मात्रा कम तथा प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।इसे बिना मृदा धान के पुआल गेहूं के भूसे पर सुगमता उगाया जा सकता है।जिसमे मसरूम 30-35 दिनो में कुकुरमुत्ता फल जैसा नजर आने लगता है।इसे तब काट लिया जाता है जब इसका बटन कडा हो जाता है।8-10 सप्ताह के अंदर एक फसल चक्र के दौरान प्रति वर्गमीटर में 10 कि.ग्राम मसरूम पैदा होता है।काटे हुए मसरूम को बाजार में सप्लाई के लिए पैक किया जाता है।इससे तरह तरह के व्यंजन,अचार या सुखाकर पाउडर भी बनाया जाता है।प्रशिक्षण में 25 प्रशिणार्थियो ने भाग लिया।केन्द्र के वैज्ञानिक डा. सुरेन्द्र सिंह,डा.ओ पी सिंह,एवम श्री रिपुदमन सिंह ने प्रतिभाग किया।