अमेठी: मज़हबे इस्लाम बुराईयों को ख़त्म करने व मोहब्बतों का पैगाम लेकर आया- सैय्यद शज़र अली मकनपुरी
1 min readमज़हबे इस्लाम बुराईयों को ख़त्म करने व मोहब्बतों का पैगाम लेकर आया- सैय्यद शज़र अली मकनपुरी
सूरज भी पलट आया और चाँद हुए टुकड़े सरकार की मर्ज़ी से, है चल के शज़र आया, उंगली से बहे चश्में सरकार की मर्ज़ी से।
अमेठी- इस्लामी महीनों के खास बारहरबीउल अव्वल महीने में असरफगढ़ औधोगिक क्षेत्र में जमजमो कौशर मोहम्मद सलीम एवं नसीम के द्वारा आयोजित हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की यौमे विलादत की खुशियाँ जश्ने ईद-मिलादुन्नबी की महफ़िल सज़ा कर बनाया गया। जलसे का आगाज़ कारी अब्दुल हई ने कुरान पाक की आयात पढ़ कर किया वहीं दूर दराज़ से आये मुफ्ती ने अपने बयान तथा शायरों ने नाते नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पढ़कर लोगों को अमन चैन और आपसी भाईचारा कायम करने की हिदायतें दी। इस मौके पर मुफ्ती मोहम्मद अहमद वारसी सुल्तानपुरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि इस्लाम अमन और शांति का संदेश देता है जो इससे हटकर काम करते हैं वो हज़रत मुहम्मद साहब सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के हुक़्म की नाफरमानी करतें हैं। वहीं हज़रत सैय्यद कुतबुल मदार रज़ी० आसताने आलिया ख़ानक़ाह मकनपुर शरीफ़, कानपुर से आये महमाने खुशूशी हिन्दुस्तान के मशहूर शायर सैय्यद शज़र अली मदारवी ने नाते नबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पढ़कर जलसे में चार चाँद लगा दिया एवं कुरान पाक की आयात और हदीश पढ़कर उनका मतलब समझाते हुए हक़ पर चलने की हिदायतें दी साथ ही सलातो सलाम पढ़कर जलसे का समापन किया। इस मौके पर कारी अब्दुल हई, कारी अख़्तर हुसैन अशरफ़ी, क़ारी कलीम अशरफ़ी, गुलाम नूरे मुजसम, हाजी मोहम्मद अकबर मदारवी, सपा युवजन सभा के जिला मीडिया प्रभारी मोहम्मद रहबर सिद्दीकी, वसीम, कैशियर मन्नान, मोहम्मद महज़र, मोहम्मद अज़हर आदि काफ़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।