अमेठी के कांग्रेसी हताश और निराश होकर लौटे घर नही मिली प्रियंका
1 min readसंपादक- डाँ. मलखान सिंह
परिवारिक रिस्ते का सच आया सामने
अमेठी – मेरा घर यहा से राजनैनिक नही परिवार का रिस्ता है ….पर एक चुनाव हारे सच सामने आ खडा हुआ परिवार का नही कही न कही स्वार्थ का रिस्ता था…..
2019 के चुनाव मे जब स्मृति ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी की विदाई कर दी तो भी साढे चार लाख लोगो ने वोट गांधी परिवार के पाले मे डाला था पर उस समय ऐसे लोग यह नही सोचे रहे होगे कि गांधी परिवार अपने लाभ के लिए अमेठी मे है परिवार का रिस्ता तो महज दिखावा है
प्रियंका तीन दिन से लखनऊ मे डेरा डाले है अमेठी के भी कांग्रेसी लंबे लंबे कुर्ते पहन शानदार गाडियो मे लखनऊ पहुच गये प्रिंयका दीदी प्रियंका दीदी की माला रास्ते भर जपते गये ।
अमेठी के कांग्रेसी दो दिन तक भूखे प्यासे सडको की खाक छानते रहे ,पुलिस वालो से अपमानित होते रहे,बडे नेताओ की धौस सुनते रहे की प्रियंका से मुलाकात हो जाय पर प्रियंका ने अमेठी के कांग्रेसियो की तरफ मुड कर देखा तक नही….
17 जुलाई की शाम ज्यादातर अमेठी के हताश व निराश कांग्रेस जन अपने अपने घर के लिए चल पडे थे पर उनकी जुबान इस बात की गवाही दे रही थी कि वह प्रियंका के व्यवहार से बडे सदमे मे है
सोचने का विषय है कि जिन अमेठी के वोटरो ने उनके भाई राहुल गांधी की चुनाव मे जमानत बचाई थी उनसे तो मिल लेना था……रही बात कार्यकर्ता की तो न तो उसे वेतन मिलता है और न ही कुई सुविधा वह तो केवल अपने नेता से मिलना चाहता है और मुलाकात होने पर उसी फोटो का प्रचार कर अपनी राजनीति चपकाता है….
वैसे सब कुछ साफ नही है पर प्रियंका के अपमान से तमाम कांग्रेस के कार्यकर्ता बहुत ही आहत है पर ऐसा नही की ये पार्टी छोड देगे ….ये इसके आदी है एस पी जी के बहुत धक्के खाये है मिलने के लिए घंटो घंटो मुंशीगंज गेस्ट हाउस गेट पर धूप मे लाइन मे खडे रहते थे कभी कभी ये खडे रह जाते थे राहुल पीछे वाले गेट से निकल जाते थे…।