मंगौली – में हेल्थ वेलनेस सेंटर और एएनएम सेंटर निर्माण में देरी- प्रशासन की घोर लापरवाही पर उठ रहे सवाल

डॉ मलखान सिंह(अपराध संवाददाता)अमेठी
अमेठी/जगदीशपुर के ग्रामसभा मंगौली में प्रस्तावित हेल्थ वेलनेस सेंटर का निर्माण डेढ़ महीने से रुका हुआ है, जिससे ग्रामवासियों में गहरी नाराजगी और असंतोष बढ़ रहा है। प्रशासन की घोर लापरवाही और निष्क्रियता के कारण यह परियोजना अधर में लटकी हुई है। ग्रामवासियों का कहना है कि यह सेंटर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण था, लेकिन भूमि पैमाइश और निर्माण कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई है।
सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण के लिए जिस जमीन का चयन किया गया था, उस पर पहले नींव निर्माण कार्य शुरू किया गया था। ग्राम प्रतिनिधि रामगोपाल तिवारी ने इस पर आपत्ति जताई और अधिकारियों से बार-बार संपर्क किया कि हेल्थ वेलनेस सेंटर का निर्माण प्रस्तावित भूमि पर ही किया जाए। इसके बावजूद प्रशासन की उदासीनता के चलते कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
पूर्व उप जिला अधिकारी प्रीति तिवारी ने मौखिक आश्वासन दिया था कि निर्माण कार्य प्रस्तावित भूमि पर ही होगा, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद नए उप जिला अधिकारी पंकज कुमार ने कार्यभार ग्रहण किया, फिर भी भूमि पैमाइश सीमांकन और टीम गठन की प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं हुई। इससे ग्रामीणों में प्रशासन की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी है।
ग्राम सभा मंगौली के ग्राम प्रतिनिधि रामगोपाल तिवारी का कहना है कि उन्होंने कई बार उप जिला अधिकारी मुसाफिरखाना, अपर जिला अधिकारी और जिला अधिकारी से संपर्क किया, प्रस्तावित जमीन पर निर्माण करने के लिए लिखित पत्र भी दिया गया, लेकिन कोई अच्छा परिणाम सामने नहीं आया। उनका कहना है कि वे लगातार इस मुद्दे को उठाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं देख पा रहे हैं। प्रशासन की घोर लापरवाही और अधिकारियों के फोन न उठाने से यह मामला और जटिल हो गया है।
इस मामले में देरी के साथ साथ ग्राम मंगौली में एएनएम सेंटर की स्थिति भी बेहद जर्जर है। यह सेंटर तीन ग्राम पंचायतों—मंगौली, डोमाड़ीह, और परवेजपुर—के लिए काम करता है, लेकिन एएनएम सेंटर की जर्जर हालत के कारण वहाँ के एएनएम (स्वास्थ्य कार्यकर्ता) का निवास भी नहीं हो पा रहा है। जर्जर स्थिति के बावजूद प्रशासन की अनदेखी से स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक असर पड़ रहा है।ग्रामवासियों का कहना है कि हेल्थ वेलनेस सेंटर और एएनएम सेंटर का निर्माण दोनों के लिए अत्यंत आवश्यक है। हेल्थ वेलनेस सेंटर के बिना क्षेत्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की संभावना कम हो जाती है। साथ ही, एएनएम सेंटर की जर्जर हालत के कारण तीनों ग्राम पंचायतों के लोग बिना सही स्वास्थ्य सुविधाओं के जूझ रहे हैं।
ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन से
इस मुद्दे पर तहसीलदार महोदय और कानूनगो से भी कई बार संपर्क किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश उनका फोन नहीं उठाया गया, जिससे ग्रामवासियों की नाराजगी और बढ़ गई है। अधिकारियों का ऐसा रवैया प्रशासनिक जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अंशुमान सिंह ने बताया कि 4 दिसंबर को अपर जिलाधिकारी मुसाफिरखाना से भूमि पैमाइश करवाने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि जब तक भूमि का सीमांकन नहीं होगा, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकता है। जैसे ही भूमि उपलब्ध होगी, काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पहले आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए सामान गिराया गया था, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया। अब, उप जिला अधिकारी महोदय के स्तर से जो जमीन विभाग को चिन्हित की जाएगी, उसी पर निर्माण कार्य होगा।
हाल ही में उप जिला अधिकारी पंकज कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि जल्द ही भूमि पैमाइश करवाई जाएगी, जिससे परियोजना की दिशा में प्रगति हो सकेगी। इस बयान से ग्रामवासियों को थोड़ी उम्मीद जरूर जगी है, लेकिन अब तक की देरी के कारण उनका असंतोष बढ़ता जा रहा है।।