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पतिब्रत धर्म की शक्ति के आगे ईश्वरीय शक्ति भी परस्त हो जाती हैं- स्वामी शशि शेखर जी महाराज

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मलखान सिंह की रिपोर्ट

अमेठी- इन्हौना रत्नेश्वर महादेव मंदिर पर चल रहा शिव महापुराण की कथा के तीसरे दिन स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतिब्रत धर्म पालन करने वाली वृंदावन निष्ठा और भक्ति की प्रतिक है,वृंदा का पति जालंधर बहुत ही शक्तिशाली असुर था,बहुत ही वीर और परिक्रमि था,उनकी पत्नी भगवान विष्णु की परम भक्त थी, और भगवान विष्णु जी के द्वारा जालंधर का वध हुआ,जिसके चलते वृंदा ने विष्णु को श्राप दिया, जो फिर शालिग्राम के रूप में परिवर्तित हुए,और वही वृंदा तुलसी के रूप में आज पृथ्वी पर मौजूद है।

और तुलसी जी को पूजन मे प्रमुख स्थान मिला है।

उक्त अवसर पर जिलाध्यक्ष बीजेपी सुधांशु शुक्ला,पूर्व मंत्री विधायक सुरेश पासी,बच्चूलाल यादव,बृजेश कुमार दुवेदी,पंकज ओम मेडिकल,बंटी गुप्ता, छेदीलाल गुप्ता आलोक त्रिपाठी गुड्डू चौरसिया सीरिश गुप्ता,नरोत्तम सिंह,दिनेश सिंह,पिंटू,एड० उत्तम सिंह,उदय प्रताप सिंह,पंडित जी बिड़ला मंदिर इंडोगल्फ,डॉ मलखान सिंह,हरिसचंद यज्ञशयानी,बेचूलाल गुप्ता, आशीष,प्रधान अस्वानी सिंह, सिया रामदत्त मिश्र,अम्बा क्लाथ,मनीष तिवारी,आशुतोष कुमार गुप्ता,भल्लू भैया,तरुण गुप्ता,श्रवण गुप्ता,सतगुरु गुप्ता,आदि सैकड़ो भक्त उपस्थित रहे हैं।

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