102 और 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों का अपनी मांगों को लेकर चक्का जाम
1 min readजीवनदायिनी 102 और 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर चक्का जाम करते हुए किया विरोध प्रदर्शन।
रिपोर्ट-पवन कुमार मौर्य
अमेठी।जिले में इमरजेंसी सेवाएं ठप कर दी गई है जिले में मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने और अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए लगाई गई सभी 102 और 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों के द्वारा सुबह से ही अपनी कई मांगों को लेकर चक्का जाम करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। ऐसे में आम जनमानस को बड़ी ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है जिसकी एक बानगी जिले के जामो थाना क्षेत्र अंतर्गत भोंये बाजार में देखने को मिली जहां पर बाइक से जा रहे दो युवकों को सामने से आ रही ट्रक ने इतनी जोरदार टक्कर मारी कि एक युवक ट्रक के नीचे चला गया और ट्रक उसके ऊपर से गुजर गई जिसके चलते उसके पैर वीभत्स स्थिति में आ गए स्थानीय लोगों ने मौके पर ट्रक को पकड़ लिया और पुलिस को सूचना दी पुलिस का भी अमानवीय चेहरा देखने को मिला पुलिस ने ट्रक को लेकर थाने चली गई और दोनों युवक वहीं सड़क पर तड़पते रहे। लोगों के द्वारा 102 एंबुलेंस को फोन किया जा रहा था लेकिन 102 एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर होने के चलते किसी को एंबुलेंस नहीं उपलब्ध हो पा रही थी जिसके चलते लगभग डेढ़ घंटे से दोनों युवक खून से लथपथ होकर सड़क पर पड़े तड़पते रहे। वहीं पर हड़ताल कर रहे जीवनदायिनी एंबुलेंस संगठन के जिला अध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव ने बताया हमारे कुछ ही कर्मचारियों को नई टेंडरिंग व्यवस्था में रखा जा रहा है जिसके चलते नई कंपनी ने हम लोगों को रखने से मना कर दिया है इसलिए आज हम लोग धरने पर बैठे हैं और हम लोगों की मांगे हैं कि वह भी कर्मचारी निकाले जा रहे हैं उन सभी कर्मचारियों को समायोजित किया जाए कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभाने वाले सारे कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति दिया जाए सभी एंबुलेंस कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन व्यवस्था लागू की जाए कोरोना महामारी के दौरान जो भी हमारे साथ ही शहीद हुए हैं उनके परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए इसी के साथ हम लोगों का विलय एनआरएचएम में किया जाए वहीं पर उपाध्यक्ष शैलेंद्र मिश्रा ने बताया कि हमारी कंपनी के द्वारा हम लोगों का शोषण किया जा रहा है इसी के विरोध में हम लोग आज आंदोलन कर रहे हैं हम लोगों के द्वारा जो 3 दिनों का शांतिपूर्ण धरना कार्यक्रम आयोजित किया गया था उसमें हमारी मांगे नहीं मानी गई इसलिए हम लोग आज कार्य बहिष्कार कर रहे हैं और जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक हम कार्य बहिष्कार में लगे रहेंगे अगर सरकार हम लोगों की मांगे नहीं मानती है तो हम लोगों को चाहे जिस हद तक जाना पड़े चाहे जेल भरो आंदोलन करना पड़े लाठी खाना पड़े या कुछ भी करना पड़े हम पीछे नहीं हटेंगे।