अमेठी: जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला स्तरीय भूगर्भ जल प्रबंधन समिति की बैठक
1 min readNCT अमेठी| जिलाधिकारी श्री अरुण कुमार की अध्यक्षता में कल देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय भू-जल प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान उन्होंने बताया कि सभी व्यवसायिक, औद्योगिक संस्थाओं, ड्रिलिंग एजेंसी आदि को अब भूजल के उपयोग से पहले अनुमति लेनी होगी। निर्धारित शुल्क पर भूजल का उपयोग करने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। डीएम ने इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है। उन्होंने बताया कि शासन की ओर से प्रदेश भूजल (प्रबंधन और विनिमय) अधिनियम 2019 अधिसूचना के अनुसार भूजल अतिदोहन व दुरूपयोग रोकने व भूजल का समुचित प्रबंधन व विनियमन करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। घरेलू व कृषि उपभाक्ताओं का भी रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है, जो कि निशुल्क होगा। सोमवार देर शाम को डीएम ने कलेक्ट्रेट सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर भूगर्भ जल दोहन नियमावली के प्रविधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पानी की बर्बादी करने वाले लोगों को विरुद्ध सुसंगत नियमों के तहत प्रभावी कार्रवाई की जाए। व्यवसायिक कार्यों में पानी का प्रयोग करने वालों, बोरिग करने वाली मशीनों का सर्वोच्च प्राथमिकता निर्धारित शुल्क जमा कराकर पंजीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि भूगर्भ जल दूषित करने पर अधिकतम सात साल तक की सजा और 20 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। प्रस्तावित कानून के तहत सभी सबमर्सिबल पंप लगाने वालों को पांच हजार रुपया जमा कर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। घरेलू और किसानों को सबमर्सिबल लगाने पर कोई शुल्क नहीं देना होगा, लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों और बड़ी हाउसिग सोसायटीज को नलकूप के जरिए पानी का दोहन करने पर तय शुल्क देना होगा। बैठक में जिला विकास अधिकारी ने बताया कि कृषि कार्य को छोड़ अब कोई भी व्यक्तिगत या उद्योगों के लिए भूगर्भ जल का दोहन बिना अनुमति नहीं कर सकेगा। यदि उनके पास पहले से बोरिग है तो उन्हें इसके लिए पंजीयन कराना होगा। जिस पर जिलास्तर पर गठित समिति अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ अनुमति प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि इससे नगरीय क्षेत्र में होने वाली भूगर्भ जल की बर्बादी पर निश्चित रूप से नियंत्रण होगा। आज बैठक में समिति के समक्ष 15 आवेदन अनुमोदन हेतु प्राप्त हुए, जिस पर जिलाधिकारी ने प्राप्त आवेदन पत्रों में सभी औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी ब्लॉकों, तहसीलों तथा जिला स्तर पर अभियान चलाकर लोगों को भूगर्भ जल के दुरुपयोग के संबंध में जागरूक करने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी डॉ अंकुर लाठर, जिला विकास अधिकारी प्रदीप कुमार पांडे, जिला कृषि अधिकारी अखिलेश पांडे, सहायक अभियंता भूगर्भ जल विभाग विश्वजीत सिंह, सहायक अभियंता लघु सिंचाई सहित अन्य संबंधित मौजूद रहे।