अमेठी: जिला बाल संरक्षण एवं रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की डीएम व सीडीओ ने की समीक्षा।
1 min readजिला बाल संरक्षण एवं रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की डीएम व सीडीओ ने की समीक्षा।
लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के दिए निर्देश।
अमेठी / बाल संरक्षण एवं उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की जिला संचालन समिति की समीक्षा बैठक आज कैम्प कार्यालय में जिलाधिकारी श्री अरुण कुमार व मुख्य विकास अधिकारी डा. अंकुर लाठर ने किया। बैठक में डीएम ने अब तक के सभी केसों के बारें में जानकारी ली। डीएम ने निर्देश दिया कि बाल संरक्षण से सम्बन्धित हेल्प लाइन नम्बर जैसे 1098 व 112, 1090 की जानकारी के लिए प्रचार प्रसार किया जाय। उन्होंने ट्रैक द मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर लावारिस/गुमशुदा बच्चों की सूचना अपलोड करने के निर्देश पुलिस विभाग को दिए, उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति के समक्ष लम्बित मामलों की समीक्षा एवं निस्तारण की कार्यवाही समय से की जाय। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि किशोर न्याय अधिनियम, पास्को एक्ट एवं आईसीपीएस के लिए ब्लाक एवं ग्राम स्तर तक प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया जाय। उन्होंने कहा कि आमजन तथा बाल संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी सरकारी व गैर सरकारी संगठनों को विभिन्न कानूनों की जानकारी होने से विभिन्न प्रकार के अपराधों में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि आम लोगों को किशोर न्याय अधिनियम, पास्को एक्ट एवं आईसीपीएस की जानकारी न होने से भी अपराध हो जाते हैं। लेकिन कानून की जानकारी होने से लोग सज़ा के डर से अपराध करने से गुरेज़ करेंगे। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि महिला, किशोरियों एवं बच्चों से सम्बन्धित योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाये। उन्होंने कहा कि धूम्रपान निषेध अधिनियम अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों द्वारा ध्रूमपान सामग्री के सेवन, क्रय विक्रय तथा बाल विवाह की प्रथा पर प्रभावी अंकुश के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाय। उ0प्र0 रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के अन्तर्गत जिला स्तर पर जिला संचालन समिति के स्तर पर लंबित 21 प्रकरणों पर समिति द्वारा सुनवाई की गई, जिसमें से 16 प्रकरणों को स्वीकृत करते हुए पीड़िताओं को आर्थिक सहायता शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश जिलाधिकारी ने दिया। डीएम ने लम्बित प्रकरणों को जल्द से जल्द निस्तारण करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के केसों को पूरी गम्भीरता के साथ लें जिससे पीडिता को न्याय और अपराधी को सजा दिलायी जा सके। बैठक के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आशुतोष कुमार दूबे, जिला अभियोजन अधिकारी संजय कुमार टंडन, जिला प्रोबेशन अधिकारी अनिल कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. अरविंद पाठक, जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत यादव, एआरटीओ, बाल संरक्षण अधिकारी अजय कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।