अमेठी: सावां कोदो की खेती से है फायदा :: डॉ अशोक सिंह
1 min readसम्पादक: डा० मलखान सिंह
आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या से संचालित कृषि विज्ञान केन्द्र, कठौरा के वैज्ञानिकों की टीम ने मंगलवार को मुसाफिरखाना क्षेत्र में सावां एवं मंडुआ जैसे मोटे अनाजों तथा तिल, उर्द एवं मूंग के प्रदर्शन का निरीक्षण कर किसानों को इसकी खेती के बारे में जागरूक किया। केंद्र के द्वारा इस वर्ष कई किसानों के खेतों में सावां एवं मंडुआ का प्रदर्शन कराया गया है। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ सिंह ने बताया कि खान पान के कारण हो रही समस्याओं को दूर रखने एवं सही शारीरिक पोषण के लिए सावां, कोदो, मंडुआ, काकुन जैसी पुरानी फसलों की खेती बहुत आवश्यक है। पूरे पहलवानपुर गौतमपुर गाँव मे रजत सिंह के खेत मे प्रदर्शन का निरीक्षण करते हुए केन्द्र के वैज्ञानिक डा अशोक सिंह ने बताया कि इसकी खेती खरीफ के सीजन में बहुत कम समय में तथा बहुत कम लागत में आसानी से की जा सकती है। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अजीत वत्स ने किसानों को बताया कि इन मोटे अनाजों के सेवन से शरीर मे कैलशियम, आयरन जैसे प्रमुख पोषक तत्वों की कमी दूर होती है। जिले के शुकुलबाजार, मुसाफिरखाना एवं संग्रामपुर ब्लाक में मोटे अनाजों की खेती की अपार संभावनाएं है। इbसकी खेती कर किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते है तथा इन फसलों में बहुत ज्यादा रोग एवं कीड़ों का प्रकोप भी नहीं होता है जिससे लागत काफी कम रहती है। इस अवसर पर केन्द्र के वैज्ञानिक डा भाष्कर सिंह ने धान की सीधी बुवाई एवं मेढ़ों पर अरहर की बुवाई का भी निरीक्षण कर किसानों को सलाह दिया। भ्रमण के दौरान ग्राम गाजनपुर मे वैज्ञानिक डा सत्येंद्र कुमार ने तिल उर्द एवं मूंग के प्रदर्शन का अवलोकन किया और बताया कि सूखे जैसी इस परिस्थिति मे तिल, उर्द एवं मूंग की फसल कामयाब रही।