मासूम से दुष्कर्म के दोषियों को विशेष अदालत से 20 वर्ष की कैद-कोर्ट ने ठोंका अर्थदंड
1 min read🔴 मासूम से दुष्कर्म के दोषियों को विशेष अदालत से 20 वर्ष की कैद-कोर्ट ने ठोंका अर्थदंड
🔴 स्पेशल जज पाक्सो एक्ट त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने सुनवाई में तेजी बरतते हुए साढ़े तीन साल में केस का ट्रायल किया पूरा,पीड़ित पक्ष को मिला न्याय
🔴 कोरोना संक्रमण की वजह से कई महीनों बाधित रहा मुकदमे का विचारण,जिससे घिनौनी वारदात को अंजाम देने वालो की टलती रही बला,अब जाकर मिली करनी की सजा
🔴 कुड़वार थाना क्षेत्र में हुई थी वारदात,घटना की सूचना से मामला विशेष समुदाय से जुड़ा होने के चलते क्षेत्र में बिगड़ गये थे हालात
सुलतानपुर-सात वर्षीय मासूम से दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम व स्पेशल जज पाक्सो एक्ट त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने दोषी ठहराया है। दोषियों को विशेष अदालत ने 20 वर्ष की कैद एवं चालीस-चालीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। सबसे बड़ी बात यह है कि कोर्ट ने कोरोना संक्रमण के चलते कई महीनों तक ट्रायल बाधित रहने के बावजूद घटना के करीब साढ़े तीन साल के अंतर पर ही मामले का विचारण पूरा कर केस का निपटारा कर दिया,जिससे पीड़ित पक्ष को जल्द न्याय मिल सका।
मामला कुड़वार थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर करीब साढ़े तीन वर्ष पूर्व 22 जनवरी 2018 को कक्षा दो में पढ़ने वाली सात वर्षीय मासूम को हबस का शिकार बनाते हुए दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। मामले में आरोपी अंसार और मोनू उर्फ जाहिद का नाम सामने आया,आरोप विशेष समुदाय से जुड़ा होने के चलते उस बीच क्षेत्र में माहौल भी काफी गर्म हो गया था। पुलिस के जरिये भी मामले में मैनेजमेंट कर घिनौनी वारदात को दबाने की बात सामने आई थी,फिलहाल मीडिया ने मामले को उठाया तो किरकिरी होने पर हरकत में आये पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों पर सख्त कार्यवाही की और उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। मामले का विचारण एडीजे अष्टम/स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट की अदालत में पूरा हुआ। इस दौरान अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष ने अपने-अपने साक्ष्यों एवं गवाहो को पेश कर अपने-अपने पक्ष को मजबूती से रखा। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात विशेष न्यायाधीश त्रिभुवन नाथ पासवान की अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें 20 वर्ष के कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर 40-40 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। जिसमे से 60 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़िता को देने का कोर्ट ने आदेश दिया है।