अमेठी: पशुओ और मानवो के लिए घातक है गाजर घास- डा.अशोक सिंह
1 min readNCT अमेंठी-शुकुलबाजार क्षेत्र में गाजर घास से फसलो जानवरो और मनुष्यो को खतरे से बचाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र कठौरा द्बारा आयोजित जागरूकता सप्ताह के अंतरगत किसानो को गाजर घास को नष्ट करने के उपाय वैज्ञानिक डा.अशोक सिंह ने बताया कि गाजर घास प्रति वर्ष फलता फूलता है तथा यह केवल फसलों जानवरो को ही नहीं बल्कि आदमियों के लिए भी गंभीर समस्या है।इसके पौधों में विषाक्त पदार्थ पाया जाता है जिसके संपर्क में आने से मनुष्यों को एलर्जी दमा और त्वचा रोग उत्पन्न होते हैं और पशुओ का दूध भी विषैला हो जाता है। केंद्र के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आर के आनंद ने बताया कि इसको पार्थीनियम रोग के नाम से जाना जाता है तथा इसकी पत्तियां गाजर की तरह होती है तथा तने पर बहुत से रोए पाए जाते हैं इसके फूलों का रंग सफेद होता है इसके एक पौधे से लगभग ढाई हजार पौध विकसित हो जाते हैं इसे सिर्फ वर्षा ऋतु में गाजर घास के फैलाव को रोका जा सकता है और दूसरा चकवड के पौधे इस को फैलने से रोकते हैं। इसको ग्लाईफोसेट एवं पैराक्वाट के बीज बोने से इसे रोका जा सकता है।खरपतवार नासक छिड़काव से रोका जा सकता है तथा इसको सभी किसानों के संभावित प्रयास से ही खत्म किया जा सकता है