अमेठी: वाह रे! समाज सेवियों: इलाज के आभाव में जा सकती है दोनो आँखो की दिव्यांग महिला की जान। वाह!! नेताओ वाह!!
1 min readसम्पादक: डा. मलखान सिंह
🚨 दिव्यांग पत्नी और बिकलांग बच्चे के इलाज के लिए राजनैतिक पदाधिकारियो और समाज सेवियो की चौखट चूंमी-फिर भी नही मिली कही भी मदद।
🚨 वर्षो पूर्व आवास भी मिला तो वो पूर्व प्रधान की भ्रष्टाचारी रवैये की भेट चढ़ गया-अधूरा पडा़ है आवास।
🚨 इलाज के आभाव में जा सकती है दोनो आँखो से दिव्यांग महिला की जान-वाह नेताओ और वाह रे समाज सेवियो।
NCT अमेंठी| जनपद क्षेत्र के व्लाक सिंहपुर की ग्राम सभा कोटवा के डिघिहा निवासी नाई जाति के घर विहीन,भूमि हीन अखिलेश कुमार ने समाज में एक प्रेरणा दायक कार्य करते हुए लगभग दशक पूर्व एक जन्म से ही दोनो आँखो से दिव्यांग महिला से शादी कर समाज को एक प्रेरणा देने का अनूठा जज्बा दिखाया।और वर्षो बाद दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली दिव्यांग महिला का वो बच्चा भी विकलांग पैदा हुआ।फिर अखिलेश उस नवजात की विकलांगता को खत्म करने लिए इलाज कराना शुरू कर दिया इसी बीच उसकी दिव्यांग पत्नी को ब्रेस्ट(स्तन)में चोट लगने के चलते पक गया।अब अति गरीब अखिलेश के सामने आर्थिक मुसीबत खडी़ हो गयी।बच्चे का इलाज कराऐ या पत्नी का,फिर बच्चे का इलाज रोक कर पत्नी के इलाज के लिए वो कुछ मित्र व सामाजिक लोगो की मदद से कुछ दिन तक ही इलाज करा पाया परन्तु गम्भीर बिमारी के चलते महंगा इलाज करा पाना अखिलेश के लिए असंम्भव हो गया तब उसने राजनैतिक प्रसासनिक व प्रबुद्ध समाज सेवियो से मदद के लिए उनकी चौखट चूंमी,जिसमें तिलोई विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले कई बडे़ बडे़ समाज सेवियो से मदद की गुहार लगाई परन्तु दिखावे का स्वांग रचाने वाले समाज सेवी नेताओ ने १०००/२००० की भी मदद नही की और उसकी तरफ से मुँह मोड़ लिया।
उसके बाद लगभग दो सप्ताह पूर्व किसी माध्यम से वो नव निर्वाचित अमेंठी जिलाअध्यक्ष समाज सेवी नाम से मशहूर राजेश मशाला से इलाज के प्रपत्र के साथ अपनी स्थित को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराते हुए मदद मांगी परन्तु अब तक उसे मदद नही मिल पाई है।अब स्थित उसकी यह है कि एक सप्ताह से वो पटटी नही बदवा सका।इलाज तो दूर की बात हो गयी।इलाज करने वाले डाक्टर ने भी हाथ खडे़ कर दिए कि यह केस बिगड़ गया है और स्थित नाजुक हो गयी है।इस बात से परेशान अखिलेश जिसके ऊपर बीमार पत्नी का भोजन बनाना खिलाना और बच्चो का पेट भरने का भी संकट खडा़ हो गया है।ऐसी परिस्थिति से गुजर रहा अखिलेश को अब ईश्वर का ही सहारा बचा है।ईश्वर अगर इतने मजबूर लोगो को अगर पैदा करे, तो समाज में कुछ अच्छे लोगो को जन्म भी जरूर दे ताकि समाज में लोगो का विश्वास न टूटे और ईश्वर पर आस्था बनी रहे।आज के जैसे समाज सेवियो की तरह नही कि दिखावे के लिए लाखो उडा़ कर सबसे बडा़ समाज का शुभचिंतक बनने का स्वांग रचाने वालो से जनता को भी होशियार रहना चाहिए ऐसे लोगो को जनता जिताने के बाद सिर्फ पछताती है कि मैने कैसे व्यक्ति को चुनाव जिताया दिया है।फिलहाल अब देखना यह है कि कैसे और किस तरह से दिव्यांग का ईलाज हो पाता है और कैसे उसकी जान बच पाती है ये समय और ईश्वर ही तय करेगा।