अमेठी: मुर्गी पालन तकनीक पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण
1 min readNCT अमेंठी- आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के प्रसार निदेशालय अंतर्गत संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा में पांच दिवशीय मुर्गी पालन तकनीक पर प्रशिक्षण के अवसर पर उद्घाटन सत्र में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर ए के सिंह ने मुर्गी पालन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए वैज्ञानिक तकनीकी अपनाकर इससे रोजगार के दृर्षिकोण से करने पर बल दिया ।तकनीकी सत्र में पशु वैज्ञानिक डॉ सुरेंद्र सिंह ने मुर्गी पालन प्रशिक्षण में अंडा उत्पादन के लिए लेयर मुर्गियो तथा ब्रायलर पालन (माँस हेतु )करने का सुझाव दिया उन्होंने मुर्गी की उन्नत नस्लो, आवास निर्माण के बारे में बताते हुए कहा कि फार्म बनाते समय स्थान का चुनाव जल निकासी वाली भूमि को मुख्य सड़क से फार्म तक मार्ग का संपर्क होना चाहिए।जिस से चूजे दाने मुर्गी अंडा एवं लाने-लेजाने में असुविधा ना हो, बाजार की तकनीकी विद्युत उपलब्धता व उपर्युक्त जल का भी होना आवश्यक है।मुर्गी फार्म को पूरब पश्चिम दिशा की लंबाई में बनाना उपर्युक्त रहता है ब्रायलर हेतु 1 वर्ग फिट स्थान एवं लेयर हेतु 20-25 वर्ग फिट प्रति मुर्गी के हिसाब से स्थान का निर्धारण करना चाहिए लेयर मुर्गी को विछावन एंवम पिजड़ा पद्धति से पाला जाता है विछावन के लिए धान की भूसी या लकड़ी का बुरादा उपयोग में लाना चाहिए,जो मुर्गियों के उत्तम स्वास्थ्य उत्पादन के लिए आवश्यक है की बिछावन को सूखा बनाए रखें तथा समय-समय पर चूना/विलीचिंग आदि पाउडर मिलाकर बिछावन को उलटना पलटना हितकर होता है। विभिन्न मौसम में देखभाल एंवम आहार प्रबंध तापक्रम निर्धारण एवं उचित तापक्रम बनाए रखने की विस्तृत जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को दिया। प्रशिक्षण में विकासखंड जगदीशपुर शुकुल बाजार तिलोई के विभिन्न गांव के 25 प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण लिया।