अमेठी: अमेठी CMO की कार्यशैली पर निरन्तर उठ रहे सवाल- झोलाछापो और प्राईवेट अवैध नर्सिग होमो पर कार्यवाही न करना -और- अब ए.एन.एम. से अभद्रता करने वाला विवादों मे
🚨 अमेंठी सीएमओ की कार्यशैली पर निरन्तर सवाल उठ रहा है-
🚨 झोलाछापो डाक्टरों और प्राईवेट अवैध नर्सिग होमो पर कार्यवाही न करना|
🚨 अब ए.एन.एम. से अभद्रता करने वाले आरोपी चिकित्सक का वही तबादला करना बना चर्चा का विषय।
अमेंठी- जनपद के सिंहपुर सीएससी में अपनी कार्यशैली को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हमेशा चर्चा में रहे पहले नर्स के वायरल वीडियो को लेकर चर्चा में आया सीएचसी सिंहपुर अब सीएमओ के अजीबोगरीब फैसले को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। सीएमओ ने अधीक्षक का तबादला कर एएनएम से अभद्रता करने के आरोपी चिकित्सक को ही सीएससी का प्रभार सौंप दिया इससे शासन स्तर पर लंम्वित जांच प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।जानकारी के अनुसार नवंबर 2019 में इसी अस्पताल में कार्य एक एएनएम ने डॉक्टर संतोष गुप्ता के खिलाफ अभद्रता का आरोप लगाते हुए चिकित्सा अधिकारियों से शिकायत की थी मामले की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के नेतृत्व में 3 सदस्य टीम ने जांच कर आख्या शासन को भेजा था। जांच आख्या पर गौर करें तो उक्त चिकित्सक पर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए इतना ही नहीं जांच टीम ने आरोपी चिकित्सक द्वारा ड्यूटी के दौरान शराब का सेवन करने और राजकीय कार्य में रुचि ना लेने का दोषी भी करार दिया था। प्रकरण की जांच अंतिम चरण में है इसी बीच शासन ने दोषी चिकित्सक पर अनुशासनिक कार्यवाही भी की गई ।इसके लिए तत्कालीन जांच अधिकारी को अपना बयान देने के लिए बांदा मंडल के अपर निदेशक ने 19 अगस्त को पत्र भेजा था इसके बावजूद शासन की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दोषी चिकित्सक को सीएससी का कार्यभार सौंप दिया। जो चर्चा का विषय बना हुआ है, इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष दुबे से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी चिकित्सक के ऊपर कार्यवाही प्रभावित नहीं है,इसलिए मेरे हिसाब से प्रभारी का कार्यभार सौपना गलत नहीं है।फिलहाल सीएमओ की लचर कार्यप्रणाली के चलते कई मामलो में सबाल उठ रहे है अब देखना यह है कि सीएमओ अपनी कार्यशैली बदलते है या सरकार सीएमओ साहब को बदलेगी।