दीपावली पर विशेष पूजन करें जिससे माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा होगी: डा० शशिशेखरस्वामी जी महाराज
1 min read*(१)* दीपावली पूजन में 11 कोड़ियां, 21 कमलगट्टा, 25 ग्राम पीली सरसों लक्ष्मीजी को चढ़ाएं (एक प्लेट में रखकर अर्पण करें)। अगले दिन तीनों चीजें लाल या पीले कपड़े में बांधकर तिजौरी में या जहां पैसा रखते हों वहां , रख दें।
*(२)-* दीपावली के दिन अशोक वृक्ष की जड़ का पूजन करने से घर में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
*(३)-* दीपावली के दिन पानी का नया घड़ा लाकर पानी भरकर रसोई में कपड़े से ढंककर रखने से घर में बरक्कत और खुशहाली बनी रहती है।
*(४)-* धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है।
*(५)-* नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली को प्रात:काल अगर हाथी मिल जाए तो उसे गन्ना या मीठा जरूर खिलाने से अनिष्ठों, जटिल मुसीबतों से मुक्ति मिलती हह्य। अनहोनी से सदेव रक्षा होती है।
*(६)-* दीपावली के पूजन के बाद शंख और डमरू बजाने से घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मीजी का आगमन बना रहता है ।
*(७)-* दीपावली के दिन पति-पत्नी सुबह लक्ष्मी-नारायण विष्णु मंदिर जाएं और एक साथ लक्ष्मी-नारायणजी को वस्त्र अर्पण करने से कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी। संतान दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की करेगी।
*(८)-* दीपावली के दिन इमली के पेड़ की छोटी टहनी लाकर अपनी तिजेरी या धन रखने के स्थान पर रखने से धन में दिनोंदिन वृद्धि होती है।
*(९)-* दीपावली के दिन काली हल्दी को सिंदूर और धूप दीप से पूजन करने के बाद 2 चाँदी के सिक्कों के साथ लाल कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रखने से आर्थिक समस्याएं कभी नहीं रहतीं।
*(१०)-* दीपावली के अगले दिन गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें पुराने गुड़ की एक डेली और मीठा तेल डालकर दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार के बीचोंबीच रख दें। इससे घर में सुख-समृद्धि दिनों दिन बढ़ती रहेगी।
*(११)-* दीपावली के दिन मुक्तिधाम (श्मशानभूमि) में स्थित शिव मंदिर में जाकर दूध में शहर मिलाकर चढ़ाने से सट्टे और शेयर बाजार से धन अवश्य ही मिलता है।
*(१२)-* दीपावली के दिन नया झाड़ू खरीदकर लाएं। पूजा से पहले उससे पूजा स्थान की सफाई कर उसे छुपाकर एक तरफ रख दें। अगले दिन से उसका उपयोग करें, इससे दरिद्रता का नाश होगा और लक्ष्मीजी का आगमन बना रहेगा।
*(१३)-* दीपावली के दिन एक चाँदी की बाँसुरी राधा-कृष्णजी के मंदिर में चढ़ाने के बाद 43 दिन लगातार भगवान श्रीकृष्णजी के कोई भी मंत्र का जाप करें। गाय को चारा खिलाएं और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। निश्चय ही भगवान श्रीकृष्णजी की कृपा से आपको संतान प्राप्ति अवश्य ही होगी।
*(१४)-* दीपावली पर गणेश-लक्ष्मीजी की मूर्ति खरीदते समय यह अवश्य ही देखें कि गणेशजी की सूड़ गणेशजी की दांयी भुजा की ओर जरूर मुड़ी हो। इनकी पूजा दीपावली में करने से घर में रिद्धि-सिद्धि धनसंपदा में बढ़ोत्तरी, संतान की प्रतिष्ठा दिनोंदिन बढ़ती है।
*(१५)-* भाईदूज के एक दिन एक मुट्ठी साबुत बासमती चावल बहते हुए पानी में महालक्ष्मीजी का स्मरण करते हुए छोड़ने से धन्य-धान्य में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती है।
*(१६)-* आंवले के फल में, गाय के गोबर में, शंख में, कमल में, सफेद वस्त्रों में लक्ष्मीजी का वास होता है इनका हमेशा ही प्रयोग करें। आंवला घर में या गल्ले में अवश्य ही रखें।
*(१७)-* दीपावली के दिन हनुमान मंदिर में लाल पताका चढ़ाने से घर-परिवार की उन्नति के साथ ख्याति धन संपदा बढ़ाती है।
*(१८)-* नरक चतुर्दशी की संध्या के समय घर की पश्चिम दिशा में खुले स्थान में या घर के पश्चिम में 14 दीपक पूर्वजों के नाम से जलाएं, इससे पितृ दोषों का नाश होता है तथा पितरों के आशीर्वाद से धन-समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
*शुभ दीपावली धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त*
( मिथिला एवं काशी पंचांग के अनुसार)—
दीपावली चार नवंबर वृहस्पतिवार को
दीपावली में श्री लक्ष्मी गणेश जी एवं श्री सरस्वती जी की पूजा कुबेर पूजा आदि स्थिर लग्न में संपन्न किया जाता है
ये स्थिर लग्न हैं:-
१वृषभ अर्थात् वृष,२ सिंह और ३वृश्चिक और ४कुम्भ लग्न
ये चारों स्थिर लग्न हैं इनमें से किसी भी लग्न में लक्ष्मी पूजा करने से परिवार में लक्ष्मी धन संपत्ति की स्थिरता अच्छी तरह से बनी रहती है
लक्ष्मी पूजा में अमावस्या तिथि और स्थिर लग्न का महत्व होता है। इसमें राहुकाल चौघड़िया मुहूर्त आदि का कोई विचार नहीं
इस बार स्थिर लग्न इस प्रकार से है
१वृष लग्न:-
सायं छः बजकर तेरह मिनट से रात्रि आठ बजकर नौ मिनट तक
(रात्रि ०६:१३ से ०८:०९ मिनट तक)
२सिंह लग्न: –
रात्रि मध्य बारह बजकर चालीस मिनट से दो बजकर छप्पन मिनट तक
( १२:४० से ०२:५६ मिनट तक)
३ वृश्चिक लग्न:-
प्रातःकाल सात बजकर अट्ठाइस मिनट से नौ बजकर पैंतालीस मिनट तक
( ०७:२८ से ०९:४५ मिनट तक)
४ कुम्भ लग्न:-
दिन में एक बजकर छत्तीस मिनट से तीन बजकर सात मिनट तक
( ०१:३६ से ०३:०७ मिनट तक)
इसके अतिरिक्त तुला लग्न और सूर्यास्त के ठीक बाद प्रदोषकाल में भी दीपावली में लक्ष्मी गणेश पूजा की जाती है
सूर्यास्त से पहले आधा घंटा और सूर्यास्त के बाद डेढ़ घंटे तक के समय को प्रदोष काल माना जाता है
तुला लग्न:
प्रातःकाल पांच बजकर एग्यारह मिनट से सात बजकर अट्ठाइस मिनट तक
( ०५:११ मिनट से ०७:२८ मिनट तक)
नोट:-
लगभग यही मुहूर्त धनतेरस धनत्रयोदशी धन्वंतरि जयंती पूजा का भी
🙏🏻 कहीं कहीं धनतेरस की मध्य रात्रि में यम का दीया दिया जाता है तो मिथिला आदि क्षेत्रों में धनतेरस और दीपावली के बीच यम दीपावली की मध्य रात्रि में यम का दीया निकाला जाता है पारिवारिक सुख शांति और अमंगल नाश हेतु!
….डा० शशिशेखरस्वामी जी महाराज