NCC/HWO के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत वर्मा ने संस्था के सदस्यो व देश वासियो को दी विजय दशमी हार्दिक शुभकामना
1 min readNCC/HWO के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणजीत वर्मा ने संस्था के सदस्यो व देश वासियो को दी हार्दिक शुभकामना-
अमेठी-आज दशहरे का त्यौहार है, इसलिये सबसे पहले मै अपने देशवासियों और सदस्यों को दशहरे की शुभकामनाएँ देता हूँ।
हम बाहर रावण का पुतला तो जलाकर ये बता देते हैं कि बुराई की हमेशा हार और सचाई की हमेशा जीत होती है, लेकिन अपने अंदर के बुराई को खत्म करने के बारे में नहीं सोचते। विजयादशमी बहुत ही शुभ और ऐतिहासिक पर्व है। लोगो को इस दिन अपने अंदर के रावण पर विजय प्राप्त कर खुशी के साथ यह पर्व मनाना चाहिए। वो सतयुग का दौर था जिसमें केवल एक रावण का अस्तित्व था जिसपर भगवान राम ने विजय प्राप्त की थी, पर यह तो कलयुग है जिसमे हर घर में रावण छुपा बैठा है। इतने रावण पर विजय प्राप्त करना आसान नहीं है। जिस प्रकार एक दीपक की रोशनी अंधकार का नाश करने के लिए काफी होती है, ठीक उसी प्रकार एक अच्छी विचारधारा वाली सोच ही काफी है अपने अंदर के रावण का नाश करने के लिए।
विजयदशमी से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां-
विजयदशमी जैसे धार्मिक महत्व वाले दिन कुछ असामाजिक तत्व के लोग मदिरापान का सेवन कर लोगों को परेशान करते हैं। कुछ गंदे मानसिकता वाले लोग भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरी और छेड़-छाड़ जैसी शर्मनाक हरकत करते हैं। अगर समाज में दशहरा के दिन इन कुरीतियों को दूर रखा जाए, तो दशहरे का पर्व वास्तव में आनंदमय हो जाएगा।
हिन्दू धर्मग्रंथ रामायण के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा को प्रसन्न करने और वर प्राप्ति के लिए भगवान श्री राम ने चंडी होम कराया था। दशहरे को दुर्गोत्सव भी कहा जाता है क्योंकि लोगों का ऐसा मानना है कि युद्ध के दसवें दिन माता दुर्गा ने भी महिषासुर नामक दुष्ट असुर का वध किया था। विजयादशमी का पर्व लोगों के मन में नई ऊर्जा, बुराई पर अच्छाई की जीत की सीख, लोगों के मन में नई चाह और सकारात्मक ऊर्जा भी लेकर आता है। भगवान श्री राम ने रावण का अंत कर बुराई पर विजय प्राप्त की और माँ दुर्गा ने महिषासुर को मारकर बुराई का अंत किया। 9 दिन देवी माँ के पूजा अर्चना के बाद यह विजयादशमी आती है।
आओ दशहरे के इस सुअवसर पर हम सभी एक साथ होकर, अपने अंदर की बुराई का अंत करें और समाज को इसके लिये जागृत करने की कोशिश करें। इंसान के अंदर बहुत से विकार है, हमें भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये उनकी सोच को बदलना होगा, इतनी जल्दी तो यह होगा नहीं, परंतु हमें लगातार अपने प्रयास करते रहना है, घृणा बुरे आदमी से नहीं, उसके अंदर बुराईयों से करनी चाहिये और उन्हें यह संदेश जन जन तक पहुंचा कर उनकी सोच बदलनी होगी, देखना एक दिन ऐसा आयेगा कि अगर हम लोगों को जागृत करने में सक्षम हो जायेंगे तो हमारा देश सोने की चिडिया बन जायेगा, और दूसरे देश हमसे प्रेरणा लेंगे। फिर हम देश को अखंड और समृद्ध बनाने में कामयाब हो जायेंगे। यही हमारे संगठन का उद्देश्य भी है, और मुझे पुरी उम्मीद है, कि आप सब लोग मिलकर यह सब करने मे सफल हो जायेंगे और जो समाज एवं देश के प्रति हमारा फर्ज है, वो भी पुरा हो जायेगा।