अमेठी: एमपी-एमएलए कोर्ट में पूर्व विधायक सोनू सिंह जेल से तलब,बेल कैंसिलेशन अर्जी पर दोनो भाइयो ने रखा अपना पक्ष
1 min read🔴 जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने जमानत की शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए दाखिल की है बेल कैंसिल करने की याचिका,एमपी-एमएलए कोर्ट में है मामला,नौ सितम्बर को होगी सुनवाई
🔴 इलाहाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अपराध में संलिप्तता पाये जाने पर जमानत वापस ले सकने की शर्त रखकर दी थी जमानत
🔴 अगस्त-2019 में जमानत मिलने के बाद से सोनू सिंह पर करीब आधा दर्जन तो मोनू सिंह बढ़े है करीब दर्जन भर मुकदमे
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सुलतानपुर। बाहुबली भाईयों की सशर्त जमानत को जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह के जरिये मिली चुनौती से जुड़े मामले में पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह उर्फ सोनू जिला कारागार से एमपी-एमएलए कोर्ट में तलब हुए। सोनू सिंह व मोनू सिंह की तरफ से मामले में अपनी आपत्ति दाखिल कर दी गई है। स्पेशल जज पीके जयंत ने मामले में सुनवाई के लिए नौ सितम्बर की तारीख तय की है।
मामला धनपतगंज ब्लाक मुख्यालय से जुड़ा है। जहां पर पांच फरवरी 2016 को हुई घटना का जिक्र करते हुए ऊषा सिंह पत्नी शिव कुमार सिंह ने प्रमुख पद के नामांकन के दौरान पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू, उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू एवं उनके समर्थकों के खिलाफ ब्लाक प्रमुख पद की प्रत्याशी नीलम कोरी को जातिसूचक अपशब्द कहने, उनके समर्थित प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने पर जान से मार डालने की धमकी देने समेत करीब दर्जनभर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पूर्व विधायक व उनके भाई को सात अगस्त 2019 को एमपी-एमएलए कोर्ट इलाहाबाद के स्पेशल जज पवन कुमार तिवारी ने सशर्त जमानत मंजूर की थी। अदालत ने साफ शब्दों में भविष्य में अपराध में संलिप्तता पाए जाने पर दोनो भाइयो की जमानत वापस ले सकने का जिक्र अपने आदेश में किया है। उसी को आधार बनाते हुए अब दोनों भाईयों की जमानत आदेश को जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने अपने अधिवक्ता संतोष कुमार पांडेय को पैरवी के लिए नियुक्त कर उनके माध्यम से जमानत को चुनौती देते हुए रद्द करने की मांग की है। ऊषा सिंह ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि एमपी-एमएलए कोर्ट से इस मुकदमें में जमानत मिलने के बाद यशभद्र सिंह मोनू के खिलाफ करीब 11 नये मामले दर्ज हुए, जिनके खिलाफ अब गंभीर धाराओ में दर्ज करीब 36 मुकदमों की लम्बी फेहरिस्त है। वहीं पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू के खिलाफ भी इस मुकदमें में जमानत मिलने के बाद पांच मुकदमें और बढ़े हैं। अब तक पूर्व विधायक के खिलाफ करीब 19 मुकदमों की क्रिमिनल हिस्ट्री बताई जा रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने इन्हें माफिया गिरोह चलाने, आपराधिक गैंग का नेतृत्व करने एवं थाने का हिस्ट्रीशीटर होने समेत अन्य गम्भीर आरोप अपनी अर्जी में लगाए हैं। दोनो भाइयो के जमानत पर रिहा रहने से समाज के लिए खतरा होना भी बताया गया है। आरोप के मुताबिक दोनो भाइयो की दहशत की वजह से कोई उनके खिलाफ गवाही तक नहीं देता है,जिससे मुकदमे में वे बरी हो जाते है। ऊषा सिंह की अर्जी पर सुनवाई कर अदालत ने दोनो भाइयो को आपत्ति दाखिल करने व गैंगस्टर केस में जेल में निरूद्ध सोनू सिंह को तलब करने का आदेश दिया था। गुरुवार को सोनू सिंह कोर्ट के आदेश पर जिला कारागार से तलब हुए और दोनो भाइयो की तरफ से अपनी आपत्ति भी दाखिल की गई।स्पेशल जज एमपी-एमएलए पीके जयंत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए नौ सितम्बर की तारीख तय की है।